जनवरी में होने जा रही है वाइब्रेंट समिट में होने जा रही है घोषणा
Dwarka Temple:हमारे एक और बेहतरीन आर्टिकल में आपका स्वागत है| हजारों साल पहले समुंद्र में डूब चुकी श्री कृष्ण की द्वारका नगरी के दर्शन अब बहुत ही आसान होने जा रहे हैं| गुजरात सरकार मूल द्वारका दर्शन के लिए अरब सागर में ‘यात्री पंडुबी’ चलाने जा रही है| सबमरीन समुंदर में 300 फीट नीचे तक जाएगी| इस रोमांचक सफर किराया 2 से ढाई घंटे लगेंगे| किराया महंगा होगा, लेकिन गुजरात सरकार आम आदमी की जेब का ध्यान रखते हुए इसमे सब्सिडी जैसी रियायत दे सकती है|
जानिये कोन सी कंपनी करेगी पंडुबी का संचालन
राज्य पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव ‘हारीत शुक्ला’ के मुताबिक इस स्वदेशी सबमरीन का संचालन ”मजगाव डॉक” ही करेगा| भारत सरकार की कंपनी ”मजगाव डॉक शिपयार्ड” के साथ राज्य सरकार का MOU हो चुका है| वाइब्रेंट समिट जो कि जनवरी में होने जा रहा है उसमें इसकी घोषणा होगी| काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक, अयोध्या, केदारनाथ, सोमनाथ और द्वारका कॉरिडोर इसी प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है| द्वारका कॉरिडोर के तहत मूल द्वारका के दर्शन के लिए सबमरीन प्रोजेक्ट लाया जा रहा है| बात द्वारका में ही अरब सागर में सबसे बड़ा केबल ब्रिज बन रहा है|मूल द्वारका में ही अरब सागर में सबसे बड़ा केबल ब्रिज बन रहा है| ये ब्रिज समुंदर में डूबी द्वारका की परिक्रमा कराने का एहसास कराने वाला होगा|
जानिए सबमरीन का वजन और कितने लोग एक साथ बैठेंगे
सबमरीन का वजन 35 टन होगा| इसमे एक बार में 30 लोग बैठ सकते हैं, और एक गाइड और दो गोताखोर और एक तकनीशियन साथ रहेगा ताकि समय पर काम आ सके| यात्रियों को ऑक्सीजन मास्क, फेस मास्क या स्कूबा ड्रेस संचालन करने वाली एजेंसी ही देगी| इसका किराया टिकट में शामिल होगा| इसकी हर सीट विंडो व्यू देगी, ताकी 300 फीट गहराई में समुंदर के भीतर के प्राकृतिक सौंदर्य को आसानी से देख सके| सबमरीन में बैठकर भी सामने स्क्रीन पर भीतर की हलचल, जीव जंतु आदमी देख सकेंगे और उन्हें रिकॉर्ड कर सकेंगे|
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कई परियोजनाओं पर कर रहे हैं काम
सिग्नेचर ब्रिज का काम 90% पूरा हो चुका है, इको टूरिज्म और डॉल्फिन व्यूइंग गैलरी जैसी परियोजनाओं पर भी काम जारी है| देवभूमि कॉरिडोर केतहत मूल द्वारका द्वीप को दुनिया के नक्शों पर लाने के लिए केंद्र या राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है|
सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है सिग्नेचर ब्रिज|
900 करोड़ में बन रहा 2320 मीटर लंबा ये फोरलेन ब्रिज भारत का सबसे बड़ा केबल ब्रिज है| इसका भी 90% काम पूरा हो चुका है|इसी प्रोजेक्ट में 12 ज्योत्रिलिंग में शामिल नागेश्वर मंदिर, हनुमानजी और उनके पुत्र का मकरध्वज मंदिर भी विकसित हो रहा है| मूल द्वारका में समुद्र तट को विकसित करना, होटल बनाना, गोवा की तर्ज पर बीच किनारे रिसॉर्ट या थीम पार्क बनाना, बीच किनारे वॉक साइकिल ट्रैक, जेटी, डेक, आदि गैलरी, वाटर स्पोर्ट्स, कैंपिंग साइट्स, फूड कोर्ट आदि बनाना|
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